गिरिराज किशोर बताते हैं कि मोहनदास को सुबह जब यह बात पता चली तो उनकी कशमकश समाप्त हो गयी और उन्होंने अश्वेत लोगों को उनका अधिकार दिलाने और रंगभेद तथा नस्लभेद की नीति के खिलाफ मुकाबला करने की ठान ली। साहित्यकार बताते हैं कि इन दो भारतीय कुलियों का जिक्र कहीं रिकार्ड में नहीं मिलता लेकिन स्थानीय लोग इस किस्से को सुनाते हैं।
ऐसा बताते हैं कि रेलवे स्टेशन पर उस जगह को चिन्हित करने में रेलवे को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी जहां गांधी जी को ट्रेन से धक्का देकर फेंका गया था। इसके लिए पीएमबी रेलवे अधिकारियों ने इतिहास के पन्ने खंगाले । बहुत सारी चीजें देखी गयीं कि सात जून 1893 की उस ट्रेन में फर्स्ट क्लास का डिब्बा कहां लगा था, इंजिन से कितनी दूर था और इंजिन कहां पर रूका होगा । ये सारी नापतोल की गयी और तब कहीं जाकर स्थान निर्धारित किया गया।

पद्मश्री से सम्मानित साहित्यकार और दक्षिण अफ्रीका की सघन यात्रा करने वाले गिरिराज किशोर ने बताया कि पीएमबी के उस रेलवे स्टेशन पर एक बैंच आज भी पड़ी है जिस पर ट्रेन से धक्का देने के बाद गांधी जी का सिर टकराया था। वह बताते हैं कि मोहनदास इस घटना से इतना परेशान हो गए कि रातभर सोचते रहे कि वह इस देश में रूकें या वापस हिंदुस्तान चले जाएं। ट्रेन से धकियाए जाने के बाद मोहनदास रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय में चले गए ।

पद्मश्री से सम्मानित साहित्यकार और दक्षिण अफ्रीका की सघन यात्रा करने वाले गिरिराज किशोर ने बताया कि पीएमबी के उस रेलवे स्टेशन पर एक बैंच आज भी पड़ी है जिस पर ट्रेन से धक्का देने के बाद गांधी जी का सिर टकराया था। वह बताते हैं कि मोहनदास इस घटना से इतना परेशान हो गए कि रातभर सोचते रहे कि वह इस देश में रूकें या वापस हिंदुस्तान चले जाएं। ट्रेन से धकियाए जाने के बाद मोहनदास रेलवे स्टेशन के प्रतीक्षालय में चले गए ।
England beat the Netherlands by six wickets
ReplyDeleteSachin Tendulkar will join his team on Tuesday morning
Sachin, Sehwag skip practice session
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We would not oppose Pakistani team during the World Cup : Raj Thackeray
प्लेटफार्म पर आज भी लिखी है गांधी के खिलाफ रंगभेद की दास्तां